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शयन का विज्ञान

नींद सबको बहुत प्यारी होती है और ये सभी की जरूरत भी है। कहते हैं कि व्यक्ति बिना खाना खाए या फिर बिना पिये रह सकता है लेकिन बिना सोए कोई नहीं रह सकता। एक समय ऐसा आता ही है जब मनुष्य अपने ऊपर काबू नहीं रख पाता और नींद के आगोश में चला जाता है। सोने की भी कई मुद्राएं होती हैं, माना जाता है कि उल्टा सोए भोगी, सीधा सोए योगी, दाएं सोए रोगी, बाएं सोए निरोगी। इसके अलावा चारों दिशाओं में सोने के भी जातक पर अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं।_

किस दिशा में सर रखने से क्या प्रभाव पड़ता है --

1. पूर्व दिशा में सर रखकर सोने से विद्या की प्राप्ति होती है।

2. दक्षिण में सर रखकर सोने से धनलाभ व आरोग्य लाभ होता है।

3. पश्चिम में सर रखकर सोने से प्रबल चिंता होती है।

4. उत्तर में सर रखकर सोने से हानि मृत्यु कारक होती है।

सोते समय ये सावधानियां बरतें

1. मस्तक और पांव की तरफ दीपक नहीं रखना चाहिए। दीपक रखें भी तो दाईं या बाईं तरफ और दूरी पर होना चाहिए।

2. संध्याकाल में निद्रा नहीं लेनी चाहिए

3. बेड पर बैठे-बैठे निद्रा नहीं लेनी चाहिए।

4. द्वार के चौखट पर मस्तक रखकर नींद न लें।

5. हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पांव पर पांव चढ़ाकर नहीं सोना चाहिए।

6. पांव की ओर बेड ऊंचा हो तो अशुभ है, केवल चिकित्सीय उपचार के लिए छूट है।

7. बेड पर बैठकर खाना-पीना बहुत अशुभ माना जाता है।

8. ललाट पर तिलक लगाकर सोना अशुभ होता है, सोने से पहले तिलक हटा देना चाहिए।

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